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इन तीन बड़े बैंकों पर गिरी गाज, RBI ने ठोका करोडों रुपये का जुर्माना

RBI News: मिली रिपोर्ट के अनुसार आपको बता दें कि देश के इन बैंकों पर कड़ी कार्रवाई की है। आपको बता दें कि आरबीआई ने इन तीन बैंकों पर करोडों रुपये का जुर्मना लगाया गया है। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ( SBI ) समेत दो बैंक और शमिल हैं। आईए जानते हैं इन बैंकों के बारे में और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने किस वजह से लगाया इन बैंकों पर इतना जुर्माना...
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इन तीन बड़े बैंकों पर गिरी गाज, RBI ने ठोका करोडों रुपये का जुर्माना

News Hindi TV, Delhi : सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया( Reserve Bank of India ) ने देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ( SBI ) पर 2 करोड़ का जुर्माना लगाया है। बैंक पर रेगुलेटरी नियमों( bank regulatory rules ) का पालन न करने के चलते ये एक्शन लिया गया है। इसके साथ ही केनरा बैंक और सिटी यूनियन बैंक पर भी केंद्रीय बैंक ने पेनाल्टी( Penalty on banks ) लगाई है। केनरा बैंक पर जहां 32.30 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। वहीं, सिटी यूनियन बैंक पर 66 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया है।

SBI पर क्यों लगी पेनाल्टी?


SBI के खिलाफ आरबीआई ने Statutory Inspection for Supervisory Evaluation किया था। रिपोर्ट में पता चला था कि बैंक ने pledgee के तौर पर कुछ कंपनियों के 30 फीसदी से ज्यादा पेड-अप शेयर पूंजी ले रखी थी और बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत निर्धारित अवधि के तहत जो अमाउंट था वो डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड में नहीं डाला था। आरबीआई ने बैंक को शो कॉज नोटिस दिया था, जिसके बाद जांच में ये तय किया गया था कि नियमों के उल्लंघन के चलते एसबीआई( RBI Action ) पर ये जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

केनरा बैंक पर क्यों लिया गया एक्शन?


आरबीआई( Reserve Bank of India News ) को अपनी जांच में पता चला कि केनरा बैंक ने क्रेडिट इन्फॉर्मेशन( credit information ) कंपनियों को दी गई जानकारी में बाद में आए संशोधन को ये रिजेक्शन आने के ठीक सात दिनों के अंदर ठीक करके फिर से अपलोड नहीं किया था। साथ ही ऐसे अकाउंट्स को रीस्ट्रक्चर किया था, जो स्टैंडर्ड असेट्स नहीं थे।


सिटी यूनियन बैंक पर भी आरबीआई( Reserve Bank of India ) ने इसलिए जुर्माना लगाया गया है क्योंकि सिटी यूनियन बैंक के नॉन परफॉर्मिंग असेट्स के आकलन और बैंक की ओर से दी गई रिपोर्ट में फर्क था। साथ ही बैंक की ओर से ग्राहकों के अकाउंट का रिस्क कैटेगराइजेशन की समय-समय पर समीक्षा करने के लिए कोई सिस्टम नहीं तैयार किया गया था।