Service Tax On Property : अब प्रोपर्टी पर लगेगा सर्विस टैक्स, जानिए कब और कितना
NEWS HINDI TV, DELHI: क्या आपने सर्विस टैक्स के बारे में सुना है. सर्विस टैक्स किसी कारोबार द्वारा उपलब्ध की जाने वाली सेवाओं पर लगता है. इसी तरह प्रॉपर्टी पर भी सर्विस टैक्स (Service Tax On Property) देना होता है. प्रॉपर्टी के मालिकों को घर खरीदते समय कई बातों का ध्यान रखना होता है. सबसे पहले, इस बात को लेकर हमेशा भ्रम रहता है कि प्रॉपर्टी पर सर्विस टैक्स देना होगा. आज हम आपको बताएंगे कि प्रॉपर्टी पर कब ये टैक्स देना होता है.
जब कोई खरीदार प्रॉपर्टी खरीदता है, तो स्वामित्व उस व्यक्ति को स्थानांतरित हो जाता है तथा विक्रेता उस प्रॉपर्टी का सेवा प्रदाता बन जाता है, जिसपर सर्विस टैक्स देय होता है. हालांकि, सक्षम प्राधिकरण को पूर्णता प्रमाणपत्र जारी करने से पहले इसका भुगतान करना होता है.
क्या है सर्विस टैक्स और कब लगाया जाता है:
प्रॉपर्टी दो प्रकार की होती है रेडी टू मूव व अंडर कंस्ट्रक्शन. रियल एस्टेट सेक्टर में, सर्विस टैक्स केवल निर्माणाधीन प्रॉपर्टी पर लगाया जाता है. इसे सेल के लिए पेश किए जाने वाली किसी प्रॉपर्टी, बिल्डिंग कॉम्पलैक्स या सिविल स्ट्रक्टर पर चार्ज किया जाता है. बिल्डर या रियल एस्टेट डेवलपर निर्माणाधीन प्रॉपर्टी पर उस समय सर्विस टैक्स लगाते हैं, जब बिल्डिंग कॉम्पलैक्स, सिविल स्ट्रक्चर या पार्ट्स को सेल के लिए पेश किया जाता है.
रेडी टू मूव पर नहीं देना होता टैक्स:
रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टी में मुख्यतः किसी भी सर्विस टैक्स का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती है. इसका कारण यह है कि प्रॉपर्टी डेवलपर ऐसी प्रॉपर्टी बेच रहा है, जो पूरी तरह बनकर तैयार हो चुकी है. यह प्रॉपर्टी के खरीदार को कोई सेवा प्रदान नहीं कर रहा है. प्रॉपर्टी के लेन देन पर उच्च कर लगते हैं और करदाताओं को कर बचाने के कई अवसर प्रदान करते हैं. इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि किसी भी प्रॉपर्टी की खरीद बेच से पहले किसी पेशेवर से टैक्स संबंधी सलाह लें.
इन मामलों में मिलती है छूट:
प्रॉपर्टी पर सर्विस टैक्स की दर 3.75 फीसदी या 4.5 फीसदी होती है, जो प्रॉपर्टी के साइज और ट्रांजैक्शन की वैल्यू पर निर्भर करती है. सिंगल ऑनर वाली स्टैंड अलोन रेजिडेंशियल बिल्डिंग की सेल पर सर्विस टैक्स से छूट है. इसके अलावा कम कीमत वाले घर जिनका कार्पेट एरिया 60 स्क्वायर मीटर तक का होता है. इसमें हाइसिंग प्रोजेक्ट भारत सरकार के हाउसिंग मंत्रालय द्वारा बनाई गई स्कीम ऑफ अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत कंपोटेंट अथॉरिटी द्वारा मंजूर होनी चाहिए.