News hindi tv

Tenant Rights : मकान मालिक नहीं कर सकता अपनी मनमर्जी, किराएदार के पास हैं ये अधिकार

Tenant Rights : अक्सर देखा जाता है कि मकान मालिकों और किराएदारों के बीच झगड़े होते रहते हैं। यहां तक कि ये मामले कोर्ट तक भी पहुच जाते हैं। लेकिन ये सब जानकारी के अभाव में होता है। क्या आप जानते हैं कि किराएदारों के पास बहुत से अधिकार हैं लेकिन लोग  इनके बारे में नहीं जानते  है। तो आज हम आपको इस खबर में बताएंगे की किराएदार के पास कौन-कौन से अधिकार है.

 | 
Tenant Rights : मकान मालिक नहीं कर सकता अपनी मनमर्जी, किराएदार के पास हैं ये अधिकार

NEWS HINDI TV, DELHI : बैंगलोर ( Banglore ) में पिछले साल के मुकाबले किराया दोगुना हो गया है। ऐसे में कई लोग सोशल मीडिया पर अचानक किराया बढ़ाने को लेकर शिकायत कर रहे हैं, सोशल मीडिया यूजर्स लिख रहे हैं कि रेंट एग्रीमेंट( rent agreement ) होने के बावजूद मकान मालिक अचानक किराया बढ़ाने की बात कह रहे हैं, विरोध करने पर मकान मालिक कह रहा है "अगर तुम्हें नहीं जम रहा है तो घर खाली कर दो, कहीं और रहो।" लेकिन मकान मालिक का इस तरह किराया बढ़ाना गैर-कानूनी है।

ऐसे में जरूरी है कि किरायदार को अपने अधिकारों( tenant's rights ) के बारे में जानकारी और साथ ही मकान मालिक के भी अधिकार हैं ,उन्हें जानना जरूरी है।

किराएदार के पास हैं ये अधिकार-


किराया वसूली-

आदर्श किराया अधिनियम, 2021 ( Model Tenancy Act 2021 ) के तहत मकान मालिक अचानक से किराया नहीं बढ़ा सकता, इसके लिए मकान मालिक को तीन महीने पहले किराएदार को नोटिस ( notice to tenant )देना होगा। साथ ही किराए की वृद्धि की रकम जो रेंट एग्रीमेंट में पहले से तय की गई है उससे ज्यादा किराया नहीं वसूला जा सकता। किराया कितना बढ़ाया जाएगा ये किराएदार और मकान मालिक की आपसी सहमति के बाद रेंट एग्रीमेंट में दर्ज किया जाना चाहिए।

एडवांस (सिक्यॉरिटी मनी)-

किराएदार से दो महीने से ज्यादा का एडवांस नहीं वसूला जा सकता है। वहीं मकान खाली करने के एक महीने के अंदर यह रकम लौटाना जरूरी है।


किराया समय पर न चुका पाएं-

अगर किराएदार किसी परेशानी की वजह से किराया सही समय पर नहीं चुका पाता है तो मकान मालिक बिजली और पानी की व्यवस्था किराएदार से नहीं छीन सकता। सुप्रीम कोर्ट( Supreme Court ) बिजली-पानी की सुविधा को मूलभूत सुविधा( basic facility ) बता चुका है।


बिना अुनमति के घर में नहीं आ सकता मकान मालिक-

किराए का घर मकान मालिक का है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि वो बिना किराएदार की अनुमति के घर में घुस जाए। अगर किराएदार घर पर नहीं है उस समय भी मकान मालिक घर का ताला तोड़कर नहीं घुस सकता।

घर के ढांचे और रंग रोगन की जिम्मेदारी किराएदार की नहीं-

घर का रंग अगर किराएदार के रहते फींका पड़ जाए तो ऐसे में मकान मालिक किराएदार से घर को रंगने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। घर के ढांचे से जुड़ी सभी मरम्मत मकान मालिक को ही करवानी पड़ेगी।

बेवजह से घर से नहीं निकाल सकता मकान मालिक-

अचानक से या बिना किसी ठोस कारण के मकान मालिक किराएदार से मकान खाली करने को नहीं बोल सकता( Landlord cannot evict you from the house without any reason )। ऐसा होने पर ये गैर-कानूनी माना जाएगा।