Senior Citizen को ये 3 बैंक FD पर दे रहे 9 प्रतिशत से भी ज्यादा का ब्याज, आप भी करें निवेश
NEWS HINDI TV, DELHI: सीनियर सिटीजन को 3 स्मॉल फाइनेंस बैंक की तरफ से सौगात मिले हैं। इन बैंकों में एफडी पर 9 परसेंट ब्याज दर से अधिक रिटर्न ले सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ स्मॉल बैंक होने की वजह से कुछ लोग इनमें निवेश करने से संकोच भी कर रहे हैं। अगर आपके घर में भी कोई सीनियर सिटीजन है तो उनके नाम पर इन बैंकों में एफडी कर आसानी से बेहतर रिटर्न ले सकते हैं। लेकिन क्या यह नए फाइनेंसियल ईयर में फायदे का सौदा हो सकता है? यहां जानिए इसके फायदे और नुकसान।
इन 3 बैंको में सीनियर सिटीजन को मिलते हैं 9% ब्याज:
यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी में सीनियर सिटीजन निवेश कर 9.50% की ब्याज दर से रिटर्न ले सकते हैं। इसकी नियम और शर्तें 2 करोड़ रुपये से कम निवेश और 1001 दिन समय अवधि है। उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी में सीनियर सिटीजन 2 करोड़ रुपये कम रकम 700 दिनों के लिए जमा कर 9 परसेंट की ब्याज दर से रिटर्न ले सकते हैं। इसके अलावा फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक में भी वरिष्ठ नागरिक 2 करोड़ रुपये से कम रकम 1000 दिनों के लिए जमा कर 9.01% की ब्याज दर से रिटर्न ले पाएंगे।
नए फाइनेंशियल ईयर में निवेश करना चाहिए या नहीं?
बैंक की तरफ से उच्च ब्याज दरों का लाभ वरिष्ठ नागरिकों को उठाना चाहिए। अधिक रिटर्न लेने के लिए यह एक बेहतरीन लोंग टर्म ऑप्शन साबित हो सकता है। फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश जोखिम भरा नहीं होता है। इसी वजह से आप इसमें बेहद आसानी से निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा एफडी की मैच्योरिटी पूरी होने के बाद रिटर्न की गारंटी होने के कारण यह एक निवेश का सही समय है। आप इसमें निवेश करने से पहले अपनी आयु, जोखिम लेने की क्षमता, आय , व्यव और वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रखें।
स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी में निवेश के फायदे नुकसान:
स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी में निवेश के कई फायदे हैं। लेकिन परिस्थिति बदल जाने के कारण आपको मैच्योरिटी के समय पैसे निकालने पर कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। स्मॉल फाइनेंस बैंक में निवेश करना उस स्थिति में जोखिम भरा हो सकता है, जब बैंक बंद होने की कगार पर हो। इसके अलावा मर्जर की स्थिति में भी आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के रूप में पंजाब और सिंध बैंक के अलावा महाराष्ट्र सहकारी बैंक बंद होने के बाद इसमें निवेश करने वाले लोगों का पैसा अटक गया था।