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Wheat purchase : इन राज्यों से होगी 7 गुना अधिक गेहूं की खरीद, जानिए सरकार का प्लान

Wheat purchase By Government : दरअसल, यह तो हम सभी जानते हैं कि रबी फसल की कटाई के साथ ही उसकी मंडियों में खरादारी का दौर शुरू हो जाता है। और सरकार गेहूं की खरीदारी को लेकर एक योजना भी बनाती हैं। और आपको बता दें कि हाल ही अपडेट आया हैं कि इन राज्यों से 7 गुना अधिक गेहूं की खरीद होगी। जानिए क्या हैं सरकार का प्लान...
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Wheat purchase : इन राज्यों से होगी 7 गुना अधिक गेहूं की खरीद, जानिए सरकार का प्लान

NEWS HINDI TV, DELHI: आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे:- गैर-पारंपरिक राज्यों में गेहूं की खरीद (Wheat procurement in non-traditional states) में उल्लेखनीय वृद्धि करने की योजना की घोषणा की है। केंद्र सरकार (central government decsion on Wheat purchase) इस बार बिहार, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बंपर गेहूं की खरीद करेगी. इसके लिए वह खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने की योजना बना रही है. 


इसमें खास बात यह है कि खाद्य सचिव (Food Secretary) संजीव चोपड़ा ने खुद इसकी जानकारी दी हैं। उन्होंने कहा कि रबी विपणन सीजन 2024-25 में पिछले साल के मुकाबले इस बाल 7 गुना अधिक गेहूं की खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा कि तीनों राज्यों में कुल 50 लाख टन गेहूं खरीदने का टारगेट रखा गया है. इससे सरकार को 310 लाख टन के खरीद लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी। साथ ही खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों में गेहूं के आवंटन को बहाल करने में आसानी होगी।

यह अहम जानकारी देते हुए खाद्य सचिव ने कहा कि इसके अलावा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध (ban on export of wheat) जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यूपी, बिहार और राजस्थान अपनी क्षमता से बहुत कम योगदान दे रहे हैं. हम इस साल कुल 310 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रख रहे हैं।जिसमें से हम तीन गैर-पारंपरिक खरीद वाले राज्यों से कम से कम 50 लाख टन खरीद की उम्मीद कर रहे हैं।


जान लें कितना है गेहूं का MSP

दरअसल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार ने विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान केंद्रीय पूल में केवल 6.7 लाख टन का योगदान दिया था. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय (Union Food Ministry) ने कुल गेहूं खरीद लक्ष्य का 16 प्रतिशत इन तीनों राज्यों से खरीदने का फैसला किया है. 


वहीं, चालू वर्ष के लिए गेहूं का एमएसपी 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. ऐसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद (msp on wheat purchase) आम तौर पर केंद्र की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य एजेंसियों द्वारा की जाती है. हालांकि, सहकारी समितियां नेफेड और एनसीसीएफ को भी इस वर्ष 5 लाख टन के खरीद लक्ष्य के साथ जोड़ा गया है.

बता दें कि अक्टूबर से केंद्र इन तीन राज्यों के साथ खरीद स्तर बढ़ाने के लिए काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि कमियों को दूर करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं और इससे तीन राज्यों में खरीद स्तर को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. खाद्य सचिव ने कहा कि 2024 के आम चुनावों से गेहूं खरीद पर असर (election impact on wheat procurement) पड़ने की संभावना नहीं है.

सचिव ने ये भी कहा कि गैर-पारंपरिक राज्यों से गेहूं खरीद में वृद्धि से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत गेहूं के आवंटन को बहाल करने में मदद मिलेगी.


गेहूं के आवंटन में की कटौती:

खाद्य सचिव ने कहा कि पिछले दो वर्षों में कम खरीद के मद्देनजर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं (welfare schemes for farmers) के तहत गेहूं का आवंटन पिछले 230-240 लाख टन से घटाकर 184 लाख टन सालाना कर दिया गया है. चोपड़ा ने यह भी कहा कि केंद्र ने व्यापारियों को सरकार द्वारा खरीद पूरी होने तक किसानों से गेहूं खरीदने से बचने का निर्देश नहीं दिया है. 


उन्होंने कहा कि व्यापारियों को ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है. गैर-पारंपरिक राज्यों में गेहूं खरीद (Wheat procurement in non-traditional states) को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बात करते हुए सचिव ने कहा कि खरीद विंडो को 1 अप्रैल के बजाय मार्च तक बढ़ा दिया गया है. खरीद से संबंधित प्रश्नों के समाधान के लिए एक समर्पित किसान हेल्पलाइन स्थापित की गई है. 

रिकॉर्ड सत्यापन भी हुआ बेहद सरल:

इन सब के अतिरिक्त सरकार ने 1 मार्च के बजाय 1 जनवरी से किसान पंजीकरण को आगे बढ़ाया है. किरायेदार किसानों सहित किसानों के भूमि रिकॉर्ड सत्यापन को सरल बनाया है और एजेंसियों को लचीला खरीद लक्ष्य दिया है. 


खाद्य  सचिव ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि सरकार ने 48 घंटों के भीतर किसानों के बैंक खातों में एमएसपी का हस्तांतरण सुनिश्चित करने, किसानों के लिए खरीद के आकस्मिक बोझ को सुव्यवस्थित करने, बैंक खातों के साथ आधार एकीकरण जैसे बैंकिंग से संबंधित मुद्दों को सुचारू करने का निर्णय लिया है.

महज 48 घंटे में होगा भुगतान:

बता दें कि  सरकार ने उत्पादन हॉटस्पॉट को लक्षित करते हुए अधिक खरीद केंद्र भी खोले हैं. साथ ही मोबाइल खरीद केंद्र स्थापित किए हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, सरकार ने किसानों को 48 घंटे के भीतर एमएसपी का भुगतान (payment of msp to farmers) सुनिश्चित करने के लिए एजेंसियों को कार्यशील पूंजी के माध्यम से संस्थागत तैयारी सुनिश्चित की है. 


इसमें सचिव ने आगे उल्लेख किया कि विभिन्न एजेंसियों के बीच खरीद और समन्वय की वास्तविक समय की निगरानी के लिए दिल्ली में एफसीआई मुख्यालय में एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है.