NPS में निवेश कर बचा सकते है टैक्स, जानिए निवेश करने का सही तरीका
NEWS HINDI TV, DELHI: नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) यानि कि एनपीएस (NPS) न सिर्फ रिटायरमेंट की प्लानिंग के लिए अच्छा निवेश माध्यम है बल्कि यह आयकर बचाने में भी मददगार साबित होता है। कई लोग नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत उपलब्ध टैक्स-बेनेफिट्स का पूरा फायदा नहीं उठाते हैं। बल्कि हम ये कहेंगे कि अधिकांश् लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नही होती है। अगर आपका एंप्लॉयर आपकी बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी तक एनपीएस कॉर्पस (NPS corpus) में कंट्रिब्यूट करता है तो यह अमाउंट टैक्स के दायरे में नहीं आएगा।
यह पैसा आपकी कुल कुल कॉस्ट-टू-कंपनी (cost-to-company) का हिस्सा हो सकता है। इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी काफी घट जाएगी। आप खुद अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी तक एनपीएस में कंट्रिब्यूट कर सकते हैं। इस पर आप सेक्शन 80सीसीडी (1) के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं कि NPS टैक्स बचाने में आपकी किस तरह मदद कर सकता है।
इन कुल तीन सेक्शन के तहत मिलता है टैक्स-बेनेफिट्स:
बता दें कि सेक्शन 80सीसीडी (1) के तहत बेसिस सैलरी और डीए के 10 फीसदी कंट्रिब्यूशन के अलावा आप सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये का अतिरिक्त टैक्स-बेनेफिट उठा सकते हैं। यह 80सी की लिमिट के अतिरिक्त है। लेकिन, यह जरूर ध्यान रखना होगा कि सेक्शन 80सीसीडी (1) के तहत मिलने वाला डिडक्शन सेक्शन 80सी के तहत कुल 1.5 लाख रुपये की लिमिट (Tax deduction) के तहत आता है।
इसके अलावा सेक्शन 80सीसीडी (2) टैक्स-सेविंग्स में आपकी काफी मदद कर सकता है। इसके लिए आपके एंप्लॉयर को आपके एनपीएस कॉर्पस (NPS corpus) में बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी तक कंट्रिब्यूट करना होगा। 10 फीसदी की यह सीमा प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए है। सरकारी एंप्लॉयी के लिए यह सीमा 14 फीसदी है।
नई टैक्स रीजीम में सेक्शन 80सीसीडी (2) का लाभ:
यह जान लेना जरूरी है कि सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत उपलब्ध टैक्स-बेनेफिट (tax benefit) का लाभ इनकम टैक्स की नई और पुरानी दोनों रीजीम में उपलब्ध है। अगर आप प्राइवेट एंप्लॉयी हैं तो आप अपने एंप्लॉयर को बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी तक एनपीएस में कंट्रिब्यूट करने के लिए कह सकते हैं। यह पैसा आपकी सीटीसी का हिस्सा होगा, जिससे आपके एंप्लॉयर पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा। इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है।
मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी और डीए (DA) हर महीने 50,000 रुपये है। ऐसे में हर महीने आपका एप्लॉयर 5000 रुयये आपके एनपीएस में कंट्रिब्यूट कर सकता है। इस तरह वह सालाना 60,000 रुपये कंट्रिब्यूट करेगा। यह पैसा आपकी टैक्सेबल सैलरी से बाहर हो जाएगा।
नई रीजीम में मिलेंगे ये लाभ:
जानकारी के लिए बता दें कि इनकम टैक्स की नई रीजीम (New income tax regime) में ज्यादातर डिडक्शन और एग्जेम्प्शन का फायदा नहीं मिलता है। लेकिन एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से आयकर की नई रीजीम में 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ दिया है। अगर आप नौकरी करते हैं तो आप इसका लाभ उठा सकते हैं।