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8th Pay Commission : आखिर सरकारी कर्मचारियों के लिए आठवां वेतन आयोग कब होगा लागू , जानिए सरकार का प्लान

8th Pay Commission : आपको बता दें कि हाल ही में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई हैं। अगर आप भी कर्मचारी है और आठवें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे है तो यह खबर आपके लिए है। आज हम आपको इस लेख में आठवें वेतन आयोग से जुड़ी पूरी जानकारी के बारे में बताने वाले हैं।
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8th Pay Commission : आखिर सरकारी कर्मचारियों के लिए आठवां वेतन आयोग कब होगा लागू , जानिए सरकार का प्लान

NEWS HINDI TV, DELHI: देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का इंतजार है. कर्मचारियों का कहना है कि नया वेतन आयोग (8th Pay Commission new update) आएगा तो वह महंगाई की मौजूदा दर और अन्य चुनौतियों का आकलन कर सरकार से सैलरी बढ़ाने की सिफारिश करेगा. कर्मचारी यूनियन की डिमांड है कि सरकार को चुनाव से पहले नया वेतन आयोग बना देना चाहिए. बता दें कि पिछले वेतन आयोग (7th Pay Commission) को बने 10 साल पूरे हो गए हैं. अभी केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी मिल रही है. इसका गठन 2014 में हुआ था. इसके बाद 2016 में इसे लागू किया गया. इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी हुई थी. इससे पहला वेतन आयोग 1946 में बना था और उसके बाद कुल 7 वेतन आयोग आ चुके हैं. अमूमन हर 10 साल पर नया वेतन आयोग बनता है और अपनी रिपोर्ट सरकार को देता है.

क्यों जरूरी होता है वेतन आयोग:

वेतन आयोग (8th Pay Commission pay metrix) जब बनाया जाता है तो वह मौजूदा पे स्केल, भत्तों और कर्मचारियों को मिल रहे दूसरे बेनिफिट का आकलन करता है. इसमें महंगाई की मौजूदा दर, आर्थिक हालात, कॉस्ट ऑफ लिविंग और बाजार में जरूरी चीजों के दाम को ध्यान में रखा जाता है और उसी के आधार पर सैलरी बढ़ाने (salary hike) की सिफारिश होती है. आयोग इस बात को ध्यान में रखकर चलता है कि सिफारिश ऐसी करे जिससे हरेक स्तर के कर्मचारी का फायदा हो. किसी के हित की अनदेखी न हो.

सरकारी खजाने पर बोझ:

वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से सरकारी खजाने पर बड़ा बोझ पड़ता है. क्योंकि कर्मचारियों की तादाद को देखते हुए सैलरी और भत्तों को बढ़ाना पड़ता है. यही नहीं सरकारी कर्मचारियों को नया वेतनमान मिलने का फायदा प्राइवेट नौकरीपेशा को भी मिलता है. राज्य सरकार के कर्मचारियों की सैलरी भी सेंटर के वेतनमान को देखकर बढ़ती है. राज्य सरकारें और प्राइवेट कंपनियां केंद्रीय वेतनमान की सिफारिशों का आधार बनाकर अपने कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी करती हैं.

चुनाव से पहले क्या आ सकता है नया वेतन आयोग:

लोकसभा चुनाव इसी साल हैं और नए वेतन आयोग को बनाने की मियाद भी आ चुकी है. हालांकि सरकार अभी इसके लिए तैयार नहीं है. हाल में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा था कि भारत सरकार का 8वें वित्त आयोग को बनाने को लेकर अभी कोई प्लान नहीं है.

विधानसभा चुनाव में उठी थी मांग:

नवंबर 2023 में निपटे 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों ने सरकारी कर्मचारियों के नए वेतन आयोग के गठन की डिमांड को सपोर्ट करने की बात कही थी. ऐसा उन्होंने चुनाव में केंद्रीय कर्मचारियों और रक्षा कर्मियों का सपोर्ट हासिल करने के मकसद से किया था.

कब बना था 7वां वेतन आयोग:

7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के कार्यकाल में आया था. इसका गठन राज्य और लोकसभा के चुनाव के पहले हुआ था. हालांकि बीजेपी (BJP govt) ने दूसरी व्यवस्था बनाई. उसने नई पेंशन योजना में बदलाव पर फोकस किया, जो राज्य और केंद्र के कर्मचारियों के लिए है. इसके तहत कर्मचारी NPS में अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी योगदान कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार ने अपना योगदान बढ़ाकर 10 से 14 फीसद कर दिया है.

एनपीएस रीव्यू के पीछे खास मकसद:

वित्त सचिव सोमनाथन ही उस समिति का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसने एनपीएस का रिव्यू किया है. समिति ने केंद्र सरकार को योगदान बढ़ाने का सुझाव राजनीतिक दलों से मंत्रणा के बाद दिया था. इस बदलाव का मकसद एनपीएस के तहत कर्मचारी के रिटायर होने पर उसकी अंतिम सैलरी का 40 से 45 फीसद पेंशन के रूप में मिलना सुनिश्चित करना है. लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वह 8वें वेतन आयोग को बना दे.