News hindi tv

Property Documents : एक ही जमीन पर हो जाती है कई रजिस्ट्री, ये डाक्यूमेंट बनाता है असली मालिक

Property Documents : क्या आप जानते हैं कि एक ही जमीन पर कई रजिस्ट्री हो जाती है अगर नहीं जानते हैं तो ये खबर आपके लिए खास है। आपको बता दें कि आजकल इसको लेकर बहुत से फर्जीवाड़े हो रहे हैं जमीन बेचने वाले एक ही जमीन पर 2, 3 रजिस्ट्रीयां करवा देते है। तो आज हम आपको बताएंगे ये खेल कैसे खेला जाता है। और इससे कैसे बचना चाहिए।
 | 
Property Documents : एक ही जमीन पर हो जाती है कई रजिस्ट्री, ये डाक्यूमेंट बनाता है असली मालिक

NEWS HINDI TV, DELHI : एक ही जमीन पर दो-दो, तीन-तीन रजिस्ट्री के केस बढ़ने लगे हैं। आए दिन इस तरह की खबरें सामने आती हैं। इस तरह का धोखा होने बाद आपके पास कोर्ट( Court ) के चक्कर काटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता।

इससे अच्छा है कि किसी भी जमीन या मकान को खरीदने से पहले आप सभी डाक्यूमेंट( Property documents ) को अच्छे से चेक कर लें। लोगों में जमीन के वैध दस्तावेज के रूप में रजिस्ट्री की ही मान्यता है और सबसे ज्यादा गड़बड़ी इसी में हो रही है।

आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताएंगे जिससे आपको तुरंत पता चल जाएगा कि वह जगह कितने लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड है। तो जब भी आप या आपका कोई परिचित जमीन या मकान खरीदने का प्लान बनाए तो उन्हें क्या चेक करना चाहिए। जिससे की वह इस तरह की जालसाजी में न फंसे। तो सबसे पहले ये जानिए की कैसे एक ही जगह की 2-3 रजिस्ट्री हो जाती है।

कैसे होती है एक ही जगह की 2-3 रजिस्ट्री-


जमीन खरीदने से पहले यह बात ध्‍यान में रखनी चाहिए कि गांव और शहर में जमीन की रजिस्‍ट्री अलग-अलग तरीके से होती है। गांव की अपेक्षा शहर में फर्जी रजिस्ट्री के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। शहरों में अक्‍सर विक्रेता बड़ी जमीन को खरीदकर उसकी प्‍लॉटिंग करते हैं। बस यहीं से शुरू हो जाता है फर्जीवाड़े का खेल। इससे बचने के लिए कुछ सावधानी जरूर बरतनी चाहिए।


ऐसे खेला जाता है फर्जीवाड़े का खेल-


जमीन की रजिस्‍ट्री( Land Registry ) के बाद सबसे जरूरी काम होता है दाखिल खारिज यानी नामंतरण कराना। यह काम रजिस्‍ट्री के 2 से 3 महीने के भीतर हो जाना चाहिए। सारा फर्जीवाड़ा इसी दौरान होता है। चूंकि, जमीन के पहले खरीदार ने दाखिल खार‍िज नहीं कराया होता है, लिहाजा उसके खतौनी में पुराने मालिक का नाम ही चढ़ा रह जाता है। अब दूसरे खरीदार को वही जमीन दिखाकर फिर बेच दी जाती है और उसके दाखिल खारिज कराने से पहले ही किसी तीसरे और चौथे व्‍यक्ति के नाम पर भी उसकी रजिस्‍ट्री कर पैसा वसूल लिया जाता है।


जमीन खरीदने से पहले जरुर जांच लें ये डाक्यूमेंट -


जब भी बिल्डर कोई जमीन खरीदता है तो उसकी एक गाटा संख्या होती है। बिल्डर जमीन को भले ही कितने टुकड़ों में बांटकर प्‍लॉट बनाए, लेकिन उसका गाटा संख्‍या एक ही होता है। यानी 20 प्‍लॉट्स का नंबर तो अलग-अलग होगा, लेकिन इन सभी प्‍लॉट का गाटा नंबर एक ही रहेगा। खरीदार गाटा नंबर से खतौनी देख सकते हैं। पहले जब हमें खतौनी की जरुरत पड़ती थी तब राजस्व विभाग में जाना पड़ता था। लेकिन अब ये सुविधा ऑनलाइन हो चुकी है। राजस्व विभाग( revenue Department ) ने भूअभिलेख से सम्बंधित जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध करवा दी है।

लिहाजा जब भी कोई प्‍लॉट खरीदना हो तो उसे खरीदने से पहले सबसे पहले उसकी खतौनी लीजिए और रजिस्‍ट्रार ऑफिस में जाकर यह पता कीजिए कि यह जमीन किसी को बेची गई है या नहीं। इसके अलावा जैसे ही जमीन की रजिस्‍ट्री कराएं, नियत समय के बाद उसकी दाखिल खारिज जरूर कराएं। इससे गाटा संख्‍या और खतौनी में आपका नाम दर्ज हो जाएगा और इसका फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा।