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Indian Railways : भारत की पहली लग्जरी ट्रेन, हवाई जहाज की तरह होगी फर्स्ट क्लास, बिजनेस क्लास और इकॉनमी क्लास

मुंबई से गुजरात के साबरमती के बीच चलने वाली ट्रेन में यात्रियों को हवाई जहाज सुविधाएं मिलने वाली है। एक रिपोर्ट में पता चला है कि ये रेल भारत की पहली लग्जरी ट्रेन है, जिसमें हवाई जहज जैसी सुविधाएं दी गई है। आइए नीचे खबर में जानते हैं कब शुरू होगी इस ट्रेन की सर्विस.

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Indian Railways : भारत की पहली लग्जरी ट्रेन, हवाई जहाज की तरह होगी फर्स्ट क्लास, बिजनेस क्लास और इकॉनमी क्लास

NEWS HINDI TV, DELHI : मुंबई से गुजरात के साबरमती के बीच चलने वाली भारत की बुलेट ट्रेन जापान की शिनकानसेन E-5 सीरीज बुलेट ट्रेन की तरह ही होगी, लेकिन इसे भारतीय परिवेश को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जा रहा है। 690 यात्रियों को सफर कराने की क्षमता रखने वाली इस ट्रेन में हवाई जहाज की तरह ही फर्स्ट क्लास, बिजनेस क्लास और इकॉनमी क्लास यानी स्टैंडर्ड क्लास होगी।

जबकि फ्लाइट से भी कहीं अधिक आरामदायक और लग्जरी सीटें होंगी। ट्रेन की और भी कई खूबियों के बारे में नैशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में यह ट्रेन 10 कोच वाली होगी। बाद में जरूरत के मुताबिक इसे 16 कोच तक का किया जा सकेगा।

बैठ सकेंगे इतने यात्री :

ट्रेन के फर्स्ट क्लास में 15 सीट होंगी। जबकि बिजनेस क्लास में 55 और इकॉनमी क्लास में 620 यात्री बैठ सकेंगे। ट्रेन के अंदर प्लेन से ज्यादा स्पेस वाला टॉयलेट भी होगा। इसमें एक अलग कमरा भी होगा जहां कोई महिला अपने बच्चे को दूध पिलाना चाहे तो उन्हें एकांत मिलेगा। साथ ही कोई यात्री बीमार होगा तो भी उस रूम में वह आराम कर सकेगा।

रीडिंग लैंप की सुविधा भी होगी :

ट्रेन के अंदर कोच में हवाई जहाज की तरह ही लगेज रखने के लिए ओवरहेड लगेज रैक होंगी। दो सीटों के बीच लेग स्पेस में भी कोई कमी नहीं होगी। फर्स्ट और बिजनेस क्लास की सीटें मूव कर सकेंगी।

इनमें एलईडी लाइटिंग के साथ ही रीडिंग लैंप की सुविधा भी दी जाएगी। ताकि ट्रेन के अंदर कोई कुछ पढ़ना या काम करना चाहे तो वह भी कर सके। मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइज को चार्ज करने समेत अन्य सुविधाएं भी होंगी।

2026 में ट्रायल रन होगा :

साबरमती से मुंबई के बीच 508 किलोमीटर की दूरी में चलने वाली इस ट्रेन का 2026 में गुजरात के सूरत से बिलिमोरा के बीच ट्रायल रन किया जाएगा। जहां यह ट्रेन अपनी अधिकतम ऑपरेशनल स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। वैसे यह ट्रेन 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक भी दौड़ सकेगी।